Kawardha खबर ख़ास : भोरमदेव पदयात्रा में आम जन की सद्भावना से खिलवाड़, पदयात्रा में सिर्फ दिखावे की विभागीय सुसज्जित स्टाल, अतिथियों के जाते ही कर दिए गये बंद*

 



*Kawardha खबर ख़ास : भोरमदेव पदयात्रा में आम जन की सद्भावना से खिलवाड़, पदयात्रा में सिर्फ दिखावे की विभागीय सुसज्जित स्टाल, अतिथियों के जाते ही कर दिए गये बंद*


*कबीरधाम की पहचान मानी जाने वाली पदयात्रा के गुजरते ही सब कुछ बंद हो गया साय साय ..*


 *जिम्मेदार अफसर को शायद स्थानीय अवकाश मनाने की थी जल्दी ?*


*आम जनता को देना था सन्देश या था सिर्फ अतिथियों को खुश करने की चाहत ?*

संपादक अमरजीत सिंह 

 कवर्धा. कबीरधाम जिले सहित समूचे प्रदेश में प्रख्यात भोरमदेव पदयात्रा जो की सावन माह के प्रथम सोमवार को जिला प्रशासन द्वारा निकली जाती है . जिसमे जिले की प्रबुद्ध जनता के साथ आला प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी भाग लेकर कबीरधाम जिले की इस गौरव शाली क्षण को सहेजने के लिए 18 KM की पैदल यात्रा करते है. इस बार जिले के मुखिया ने नवचारित प्रयोग और गौरव स्थापित करने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न विभागों को भी निर्देश दिया था की शासन द्वारा चलाई जा रही महती योजनाओं को आम जन तक पहुचने के लिए अपने अपने विभाग का स्टाल मार्ग में लगायें. जिसका पालन करते हुए सभी विभागों के साथ साथ महिला बाल विकास विभाग का भी स्टाल लगाया गया था.



प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने भोरमदेव पदयात्रा के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा पदयात्रियों के स्वागत और स्वलपाहार, जलपान के लिए लगाएं गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन भी किया। उन्होंने समनापुर के समीप महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगाएं गए स्टॉल का निरीक्षण किया और बेटी-बचाओं, बेटी-पढ़ाओं अभियान के संदेश को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हस्ताक्षर अभियान में हस्ताक्षर भी किया। उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा सहित कलेक्टर, जनप्रतिनिधियों सहित आम नागरिकों ने बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं अभियान की हस्ताक्षर कर सराहना की.


लेकिन रैली के वहां से आगे बढ़ते ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा उपमुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के दिए सन्देश को समेटकर उनके सोच को अपने काबू में कर लिया गया और सामान लेकर वहां से चलते बने.  स्टाल तो छोड़ दीजिये वहां लगाये गये स्वागत गेट पर विभागीय मंत्री सहित पंडरिया विधायक के कट आउट भी निकल लिए गये. पुरे मामले पर जब हमने जिम्मेदार अधिकारी से बात की तो उन्होंने खुद पुष्टि करते हुए कहा कि मुझे सिर्फ बेटी बचाओ बेटी पढाओ के बोर्ड पर हस्ताक्षर चाहिए था. 


इस सम्बन्ध में जिले के प्रोग्राम अधिकारी से बात किया गया लेकिन उन्होंने भी गोल मोल जवाब देते हुए बात को टाल दिया..


खैर पदयात्रा तो अब अगले सावन होगी लेकिन देखेने वाली बात होगी की जिले के मुखिया पुरे मामले पर क्या सम्बंधित अधिकारी पर इस वर्षा ऋतू में विभागीय बिजली गिराते हैं या अगले सावन में उपरोक्त पुनरावृत्ति की प्रतीक्षा करते हैं...


वर्शन : आनंद तिवारी (DPO)

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